बड़े घर की बेटी Workbook Solution । ICSE Shitya Sagar, bade ghar ki beti ki workbook question answers 2022, bade ghar ki beti ki complete workbook answers 2022, Sahitya Sagar workbook answers class 10 shout to learn, बड़े घर की बेटी, bade ghar ki beti, bade ghar ki beti kahanikar ka Parichay, bade ghar ki beti ki Kahani ka saransh, bade ghar ki beti ki Kahani ka uddeshy, bade ghar ki beti ki Kahani ke mukhya Bindu, bade ghar ki beti ki Charitra chitran.
(i) श्रीकंठ सिंह की दशा बिलकुल विपटीत थी।
(क) श्रीकंठ सिंह की शारीरिक बनावट किसके विपरीत थी और कैसे?
उत्तर: श्रीकंठ सिंह की शारीरिक बनावट अपने छोटे भाई लाल बिहारी सिंह से बिल्कुल विपरीत थी। लाल बिहारी सिंह दोहरे बदन का सजीला जवान था-भरा हुआ मुखड़ा, चौड़ी छाती। परंतु बी. ए. की डिग्री प्राप्त करने के लिए लगे परिश्रम और उद्योग ने श्रीकंठ सिंह के शरीर को निर्बल और चेहरे को कांतिहीन बना दिया था।(ख) सम्मिलित कुटुंब के संबंध में श्रीकंठ सिंह के क्या विचार थे?
उत्तर: श्रीकंठ सिंह सम्मिलित कुटुंब के तो वे एकमात्र उपासक थे। प्राचीन सभ्यता और सम्मिलित कुटुंब के पक्षधर थे। वे पाश्चात्य प्रथाओं के प्रेमी नहीं थे। स्त्रियों को कुटुंब में मिल-जुलकर रहने की जो अरुचि होती है, उसे वे जाती और देश दोनों के लिए हानिकारक समझते थे। यही कारन था की गाओ की ललनाएँ उनकी निंदक थी।(ग) सम्मिलित कुटुंब के संबंध में श्रीकंठ सिंह और उनकी पत्नी के विचारों का अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: श्रीकंठ सिंह सम्मिलित परिवार के उपासक थे। आजकल स्त्रियों को कुटुंब में मिल-जुलकर रहने की जो अरुचि होती है, उसे वह जाति और देश दोनों के लिए हानिकारक समझते थे। परंतु उनकी पत्नी का इस विषय में उनसे विरोध था। उसका विचार था कि यदि बहुत कुछ सहने पर भी परिवार के साथ निर्वाह न हो सके तो आए दिन की कलह से जीवन नष्ट करने की अपेक्षा अच्छा है कि अलग होकर रहा जाए।
(घ) श्रीकंठ सिंह की पत्नी का संबंध किस कुल से था ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: श्रीकंठ की पत्नी आनंदी एक बड़े उच्च कुल की लड़की थी। उसके पिता एक छोटी-सी रियासत के बड़े जमींदार थे। विशाल भवन, एक हाथी, तीन कुत्ते, झाड़फानूस, आनरेरी मजिस्ट्रेटी और ऋण; जो एक प्रतिष्ठित ज़मींदार के योग्य पदार्थ हैं, सभी उनके पास विद्यमान थे।
(iii)वह एक सीधा-सादा देहाती गृहस्थ का मकान था, किंतु आनंदी ने थोड़े ही दिनों में अपने-आप को इस नई परिस्थिति के ऐसा अनुकूल बना लिया, मानो विलास के सामान कभी देखे ही न थे।
(क) 'सीधा-सादा गृहस्थ'-से किसकी ओर संकेत किया गया है? उसका परिचय दीजिए।
उत्तर: सीधा-साधा गृहस्थ से बेनीमाधव सिंह तथा श्रीकंठ सिंह की ओर संकेत किया गया है। प्रेमचंद लिखित रचना " बड़े घर की बेटी " में बेनी माधव सिंह तथा उसके बेटों की रहनी का चित्रण किया गया है।
• बेनी माधव सिंह के पिता धन धान्य से संपन्न जमींदार थे, अब माधव सिंह की आधी से अधिक संपत्ति वकीलों को भेंट कर चुके थे। वे संकुचित विचारो के थे। उनका मानना था कि बड़े घर की बेटियां गृहस्थ जीवन सुगमता से नहीं चला सकती, वे काम काज नहीं कर सकती।
• उनके बड़े पुत्र श्रीकण्ठ सिंह बी ए पास थे। वे विचारों से आधुनिक नहीं थे, एक अच्छे इंसान थे। उनका विश्वास आयुर्वेदिक इलाज में था, गांव में रामलीला की शुरुवात उन्होंने ही की।
उनकी पत्नी आनंदी के जो टीम-ताम की उसे बचपन से आदत थी , वह यहाँ नाममात्र को भी न था। किन्तु आनंदी ने थोड़े दिनों में ही अपने आप की इस नई परिस्थिति के अनुकूल बना लिया
• बेनी माधव सिंह के पिता धन धान्य से संपन्न जमींदार थे, अब माधव सिंह की आधी से अधिक संपत्ति वकीलों को भेंट कर चुके थे। वे संकुचित विचारो के थे। उनका मानना था कि बड़े घर की बेटियां गृहस्थ जीवन सुगमता से नहीं चला सकती, वे काम काज नहीं कर सकती।
• उनके बड़े पुत्र श्रीकण्ठ सिंह बी ए पास थे। वे विचारों से आधुनिक नहीं थे, एक अच्छे इंसान थे। उनका विश्वास आयुर्वेदिक इलाज में था, गांव में रामलीला की शुरुवात उन्होंने ही की।
उनकी पत्नी आनंदी के जो टीम-ताम की उसे बचपन से आदत थी , वह यहाँ नाममात्र को भी न था। किन्तु आनंदी ने थोड़े दिनों में ही अपने आप की इस नई परिस्थिति के अनुकूल बना लिया
(ख) आनंदी के पिता उसके विवाह को लेकर किस प्रकार के धर्म संकट में थे?
उत्तर : भूपसिंह आनंदी के विवाह को लेकर धर्मसंकट में थे। वे ऋण का बोझ भी बढ़ाना नहीं चाहते थे और न ही ऐसे-वैसे घर में आनंदी का विवाह करना चाहते थे जहाँ आनंदी स्वयं को भाग्यहीन समझे। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें?
(ग) आनंदी के मायके और ससुराल के वातावरण में क्या अंतर था ?
उत्तर : आनंदी के ससुराल का रंग-ढंग उसके मायके से बिल्कुल अलग था। जिस बनाव-श्रृंगार की उसे बचपन से आदत थी, वह यहाँ नाममात्र को भी न था। हाथी-घोड़ों का कहना ही क्या, कोई सजी हुई सुंदर बहली तक न थी। यहाँ सैर करने को कोई बाग आदि न था। मकान में खिड़कियों तक न थी, न ज़मीन पर फ़र्श और न दीवार पर तस्वीरे थीं। वह एक सीधा-सादा देहाती गृहस्थ का मकान था।
(घ) आनदी और लाल बिहारी की तकरार किस बात पर शुरू हुई?
उत्तर : एक दिन आनंदी का देवर लाल बिहारी सिंह दो चिड़ियाँ लिए तुए आया और उन्हे पकाने को कहा। आनंदी ने पकाते समय हाँठी मे जितना घी था, वह सब माँस मे डाल दिया, इसलिए दाल मे घी न था। लाल बिहारी ने घो को लेकर आनदी के मायके के संबंध मे चुभती बात कह दो, तो आनंदी ने भी उसका उत्तर देते हुए कहा कि वहाँ इतना शो तो नित्य नाई-कहार ही खा जाते है। जिसे सुनकर लाल बिहारी को क्रोध आ गया। बात बढ़ने पर उसने खड़ाऊँ उठाकर आनदी की ओर फेको। उसकी उँगली में काफी चोट आई।
(iii) "भाभी, भैया ने निश्चय किया है कि वे मेरे साथ इस घर में न रहेंगे। अब वे मेटा मुँह भी देखना नहीं चाहते, इसलिए मैं जाता हूँ। उन्हें फिर मुँह न दिखाऊँगा। मुझसे जो अपटाध हुआ, उसे क्षमा करना।"
(क) भाभी और भैया का परिचय दीजिए। भैया ने क्या निश्चय किया था और क्यों?
उत्तर : श्रीकठ सिंह लाल बिहारी सिंह के बड़े भाई थे। उन्होंने बी.ए. की डिग्री प्राप्त की थी तथा एक दफ़्तर में नौकरी करते थे। आनंदी एक बड़े उच्च कुल की लड़की थी। उसके पिता एक छोटी-सी रियासत के ताल्लुकेदार तथा ऑनरेरी मजिस्ट्रेट थे। विवाह के बाद ससुराल के सीधे-साधे मकान में भी उसने अपने आपको ढाल लिया था। वह स्वभाव से दयालु थी। भैया ने जब अपने भाई लाल बिहारी को धृष्टता और अपनी पत्नी को सारी बाते सुनी, तो वे अपने सम्मिलित परिवार को छोड़ने की बात पर अड़ गए।
(ख) आनदी के स्वभाव की चर्चा कीजिए। वह अपने पति पर किस बात के लिए झंझला रही थी?
उत्तर : आनंदी परिस्थिति के अनुसार अपने-आपको ढाल लेती है। वह स्वभाव से दयालु थी। वह अपने पति पर इस बात के लिए सुझला रही थी कि उन्हे इतना क्रोध क्यो आता है ? उसे इस बात का पछतावा हो रहा था कि जात इतनी क्यो बढ़ गई थी ?
(ग) आनंदी की अपने पति से क्या बातचीत हुई?
उत्तर : जब आनंदी ने लाल बिहारी को यह कहते सुना कि वह जा रहा है। तो आनदी अपने पति से कहती है कि लाल बिहारी बाहर खड़ा बहुत रो रहा है। उसे भीतर बुला लो। वह अपने-आपको कोसती है कि उसने झगड़ा क्यो उठाया? जब श्रीकठ, भाई को मनाने के लिए नहीं माना तो फिर आनंदी कहती है कि आपको बाद में पछताना पड़ेगा। आप उन्हें जाने से रोक ले। परंतु फिर भी उसके पति नहीं उठे तो आनदी ने लाल बिहारी का हाथ पकड़ कर रुकने को कहा ।
(घ) घटनाक्रम ने अंत में किस प्रकार मोड़ लिया?
उत्तर : घर छोड़कर जाते हुए लाल बिहारी ने घर में रहने के लिए यह शर्त लगाई कि जब तक मुझे यह न मालूम हो जाए कि भैया का मन मेरी तरफ से साफ हो गया है. तब तक मै इस घर मे कदापि न रदूँगा। श्रीकठ का हृदय भी पिघल गया। उन्होंने लाल बिहारी को गले से लगा लिया। श्रीक सिंह और लाल बिहारी सिंह इन दोनो भाइयो को गले मिलते देख उनके पिता बेनी माधव सिंह ने कहा- बड़े घर की बेटियों ऐसी ही होती है। जिंगलता लुआ काम बना लेती है।